अगले सप्ताह निवेशकों की नजर विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल की कीमतों पर भी बनी रहेगी।
आगामी सप्ताह में बाजार की चाल मॉनसून की प्रगति पर भी निर्भर करेगी। जून-सितंबर मॉनसूनी सत्र के दौरान बारिश देश की अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी के समान होती है, क्योंकि देश की खेती मुख्यत: बारिश पर ही निर्भर करती है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, देश में मॉनसूनी बारिश औसत से 24 फीसदी अधिक हुई है। आगामी सप्ताह ग्रीस से संबंधित घटनाक्रम पर भी निवेशकों का ध्यान लगा रहेगा। ग्रीस को 30 जून तक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को 1.75 अरब डॉलर की कर्ज की किस्त चुकानी है। माना जा रहा है कि उसके पास इसके लिए समुचित नकदी नहीं है और वह कर्ज की अगली खेप में से ही इसे चुकाएगा।
अगले सप्ताह वाहन कंपनियों के शेयरों पर भी नजर रहेगी। ये कंपनियां बुधवार से जून में हुई बिक्री के आंकड़े देना शुरू करेगी। आगामी सप्ताह तेल मूल्य में भी संशोधन हो सकता है। तेल विपणन कंपनियां हर महीने के मध्य और आखिर में गत दो सप्ताह की कीमतों के आधार पर तेल मूल्य निर्धारित करती हैं। इससे इन कंपनियों के शेयरों के मूल्य पर भी प्रभाव पड़ता है।
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