बरही : करीब 1000 करोड़ की लागत से होगा आइएआरआइ का निर्माण
बरही : कृषि क्षेत्र में क्षेत्रीय चुनौतियों के समाधान के उद्देश्य से हजारीबाग के बरही स्थित गौरिया करमा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आइएआरआइ) की आधारशिला रखेंगे. यह भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की इकाई होगी. इसे करीब एक हजार करोड़ की लागत से तैयार किया जायेगा. इस संस्थान के लिए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) ने एक हजार एकड़ जमीन उपलब्ध करायी है. इस जमीन पर पहले बीएयू की बीज अनुसंधान इकाई थी. यह संस्थान भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के स्तर का होगा.
इस संस्थान में तीन प्रमुख स्कूल होंगे, जिनमें प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंध, फसल सुधार और संरक्षण, बागवानी और वानकी पर ध्यान दिया जायेगा. संस्थान इन विभिन्न विधाओं में स्नात्कोत्तर और डॉक्टर की उपाधि के पाठ्यक्रम संचालित करेगा.
यह संस्थान संबद्ध क्षेत्रों में आंचलिक स्तर पर प्रमुख चुनौतियों का सामना करने के लिए शोध और विस्तार कार्यक्रमों पर अधिक जोर देगा. मौजूद सत्र के लिए एमएससी में 10 छात्रों को नामांकन भी मिल गया है, जो पूसा में पढ़ाई कर रहे हैं. एक वर्ष का पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद ये छात्र आइएआरआइ में कृषि शोध कार्य करेंग़े नरेंद्र मोदी सरकार की योजना झारखंड के अलावा असम में भी इस प्रकार के संस्थान की स्थापना करना है.
हार्टी संगम 2015 का उदघाटन आज
गौरिया करमा में 27-28 जून को हार्टी संगम 2015 का आयोजन किया गया है. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड कृषि मंत्रलय की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह व विशिष्ट अतिथि वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा होंगे. कार्यक्रम की अध्यक्षता झारखंड के कृषि मंत्री रंधीर कुमार सिंह करेंगे. हार्टी संगम में किसानों द्वारा उत्पादित मौसमी फलों की प्रदर्शनी व बिक्री होगी.
किसानों को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी जायेगी. कृषि विश्वविद्यालयों और आइसीएआर संस्थानों के वैज्ञानिकों द्वारा खेती संबंधी विशेष जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी. कार्यक्रम में बागवानी वैज्ञानिक किसान उत्पादक कंपनियों के प्रतिनिधि, सरकारी संस्थानों के स्टॉल होंगे.
ये भी रहेंगे मौजूद
केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ अन्य मंत्री, सांसद व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
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