Monday, 10 August 2015

दयानिधि मारन की अंतरिम जमानत याचिका रद्द, तीन दिन में आत्‍मसमर्पण का आदेश

दयानिधि मारन की अंतरिम जमानत याचिका रद्द, तीन दिन में आत्‍मसमर्पण का आदेश

मद्रास हाई कोर्ट ने टेलीफोन एक्सचेंज मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन की अंतरिम अग्रिम जमानत याचिका रद्द कर दी है.
याचिका खारिज होने के बाद मारन को कोर्ट ने तीन दिनों में आत्‍मसमर्पण का आदेश दिया है. मद्रास हाई कोर्ट जज एस वैद्यनाथन ने मारन को तीन दिन के अंदर सीबीआई के समक्ष आत्मसमर्पण करने को कहा है.
सीबीआई ने डीएमके नेता दयानिधि मारन पर आरोप लगाया है कि  बतौर दूरसंचार मंत्री मारन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए चेन्नई के अपने आवास पर अनधिकृत तौर पर टेलीफोन एक्सचेंज बनाया था.

सीबीआई का आरोप है कि सन टीवी जिसके मालिक मारन के भाई कलानिधि मारन हैं, को लाभ पहुंचाने के लिए सैकड़ों केबल्स का प्रयोग किया गया जिससे  डाटा ट्रांसफर किया जाता है.

2007 में मारन के स्थान पर उनकी ही पार्टी के ए राजा टेलीकॉम मंत्री बनाए गए थे. राजा पर भी 2जी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा. राजा पर घूस लेकर मोबाइल नेटवर्क के लाइसेंस देने के आरोप लगे हैं जिसकी जांच जारी है.

मारन ने बतौर मंत्री एयरसेल कंपनी के लाइसेंस को तब तक मंजूरी नहीं दी जब तक कंपनी ने वहां के लाइसेंस मलेशिया के एक कारोबारी को बेच नहीं दिए. इस मलेशियाई कारोबारी ने मारन के सन ग्रुप में काफी पैसा निवेश किया था.
सीबीआई द्वारा ये कहने के बाद कि मारन जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, ये याचिका खारिज की गई है. अब मारन अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे.

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